tag:blogger.com,1999:blog-5618387027539095791.post6373876805562307546..comments2024-01-10T14:37:57.582+05:30Comments on गीत ग़ज़ल और माहिए ------आनन्द पाठक: गीत 23 : जिसने मुझे बनाया ....आनन्द पाठकhttp://www.blogger.com/profile/00352393440646898202noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5618387027539095791.post-61100150739458123452010-01-11T21:16:04.666+05:302010-01-11T21:16:04.666+05:30आ० योगेश जी
उत्साह वर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
...आ० योगेश जी<br />उत्साह वर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद<br />सादर<br />-आनन्द.पाठकआनन्द पाठकhttps://www.blogger.com/profile/00352393440646898202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5618387027539095791.post-65088684449234488342010-01-09T20:57:45.042+05:302010-01-09T20:57:45.042+05:30उसको भरम यही है ,मुट्ठी में है ज़माना
"एकोऽहम&...उसको भरम यही है ,मुट्ठी में है ज़माना<br />"एकोऽहम" के आगे किसी और को न माना<br />चाँदी की तश्तरी में सोने की लेखनी ले<br />क्या चाहता है मुझसे क्या चाहता लिखाना ?<br /><br />जिन पत्थरों के दिल में कहीं निर्झरी नहीं थी<br />उन पत्थरों के आगे दुखड़ा नहीं सुनाया<br /><br />PATHAK JI BAHUT HI ACHCHI LAGI AAPKI YE RACHNA, BADHAAI SWEEKAREN.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.com