शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025

ग़ज़ल 438 [12- G] : हमारी दास्ताँ में ही--

 ग़ज़ल 438 [ 12-]

1222---1222---1222---122


हमारी दास्ताँ में ही तुम्हारी दास्ताँ है

हमारे ग़म बयानी में तुम्हारा ग़म बयाँ है ।


गुजरने को गुज़र जाता समय जैसा भी हो चाहे

मगर हर बार दिल पर छोड़ जाता इक निशाँ है ।


सभी को देखता है वह हिक़ारत की नज़र से

अना में मुबतिला है आजकल वो बदगुमाँ है ।


मिटाना जब नहीं हस्ती मुहब्बत की गली में

तो क्यों आते हो इस जानिब अगर दिल नातवाँ है।


जो आया है उसे जाना ही होगा एक दिन तो

यहाँ पर कौन कहता है वो उम्र-ए-जाविदाँ है ।


सभी हैं वक़्त के मारे, सभी हैं ग़मजदा भी 

मगर उम्मीद की दुनिया अभी क़ायम जवाँ है।


जमाने भर का दर्द-ओ-ग़म लिए फिरते हो ’आनन’

तुम्हारा खुद का दर्द-ओ-ग़म कही क्या कम गिराँ है।


-आनन्द पाठक-

कम गिराँ है = कम भारी है, कम बोझिल है


रविवार, 30 मार्च 2025

ग़ज़ल 437 [11-G] : यार मेरा कहीं बेवफ़ा तो नहीं

 ग़ज़ल 437 [11-G]

212---212---212---212


यार मेरा कहीं  बेवफ़ा तो नहीं

 ऐसा मुझको अभी तक लगा तो नहीं


कत्ल मेरा हुआ, जाने कैसे किया ,

हाथ में उसके ख़ंज़र दिखा तो नहीं


बेरुख़ी, बेनियाज़ी, तुम्हारी अदा

ये मुहब्बत है कोई सज़ा तो नहीं


तुम को क्या हो गया, क्यूँ खफा हो गई

मैने तुम से अभी कुछ कहा तो नहीं


रंग चेहरे का उड़ने लगा क्यों अभी 

राज़ अबतक तुम्हारा खुला तो नहीं


लाख कोशिश तुम्हारी शुरू से रही

सच दबा ही रहे, पर दबा तो नहीं ।


वक़्त सुनता है ’आनन’ किसी की कहाँ

जैसा चाहा था तुमने, हुआ तो नहीं ।


-आनन्द.पाठक-



बुधवार, 26 मार्च 2025

ग़ज़ल् 436 [10-G] : उसकी नज़रों में वैसे नहीं कुछ कमी

 ग़ज़ल् 436 [10-]

212---212---212---212--


उसकी नज़रों में वैसे नहीं कुछ कमी

क्यों उज़ालों में उसको दिखे तीरगी ।


तुम् सही को सही क्यों नहीं मानते

राजनैतिक कहीं तो नहीं बेबसी ?


दाल में कुछ तो काला नज़र आ रहा

कह रही अधजली बोरियाँ ’नोट’ की


लाख अपनी सफ़ाई में जो भॊ कहॊ

क्या बिना आग का यह धुआँ है सही ?


आजतक किस गुनह्गार ने है कहा-

’मैं गुनह्गार हूँ और दुनिया सही’ ।


क़ौम आपस में जबतक लड़े ना मरे

रोटियाँ न सिकीं, व्यर्थ है ’लीडरी’


जिसको होता किसी पर भरोसा नहीं

खुद के साए से डरता रहा है वही ।


हम सफर जब नहीं ,हम जुबाँ भी नहीं

फिर ये 'आनन' है किस काम की जिंदगी

-आनन्द.पाठक-