चन्द माहिए : क़िस्त 39
:1:
वो ख़्वाब दिखाते हैं
जन्नत की हमको
जन्नत ही जलाते हैं
:2;
नफ़रत ,शोले ,फ़ित्ने
किस की जली बस्ती
रोटी सेंकी ,किसने ?
:3:
ये कैसी सियासत है ?
धुन्ध ,धुँआ केवल
ये किस की विरासत है?
;4:
रहबर बन कर आते
छोटे बच्चों से
पत्थर हैं चलवाते
5
ये इश्क़ इबादत है
दैर-ओ-हरम दिल है
और एक ज़ियारत है
-आनन्द.पाठक-
[सं 15-06-18]
:1:
वो ख़्वाब दिखाते हैं
जन्नत की हमको
जन्नत ही जलाते हैं
:2;
नफ़रत ,शोले ,फ़ित्ने
किस की जली बस्ती
रोटी सेंकी ,किसने ?
:3:
ये कैसी सियासत है ?
धुन्ध ,धुँआ केवल
ये किस की विरासत है?
;4:
रहबर बन कर आते
छोटे बच्चों से
पत्थर हैं चलवाते
5
ये इश्क़ इबादत है
दैर-ओ-हरम दिल है
और एक ज़ियारत है
-आनन्द.पाठक-
[सं 15-06-18]